Wednesday, 2 January 2019

[ ::: ♥Keep_Mailing♥ ::: ]™ Tips for accident free living during Old Age (Hindi)



Please use
http://translate.google.com/
to translate this article to Language of your choice.



Tips for accident free living during Old Age!

 

 

             

● आप जानते है कि मन चाहे कितना भी जोशीला हो , साठ की उम्र होने पर यदि आप अपने आप को फुर्तीला ओर ताकतवर समझते हैं  लेकिन वास्तव में ढलती उम्र के साथ तन उतना ताकतवर और फ़ुर्तीला नहीं रह जाता ।
● आपका शरीर ढलान पर है, जिससे 'हड्डियां व जोड़ कमज़ोर होते है लेकिन मन भ्रम बनाये रखता है कि ये काम मैं चुटकी में कर लूँगा । पर जल्द सच्चाई सामने आ जाती है लेकिन एक नुक़सान के साथ ।
● सीनियर सिटिज़न होने पर इन बातों का ख़्याल रखना आवश्य रखना चाहिये!
■ धोखा तब होता है जब मन सोचता है मैं कर लूंगा और शरीर करने से चूक जाता है। परिणाम एक एक्सीडेंट और शारीरिक क्षति!
○ यह क्षति फ़्रैक्चर से लेकर हेड इंज्यूरी तक हो सकती है? अर्थात कभी-कभी कभी जान लेवा भी हो जाती है?
○ इसलिये हमेशा हड़बड़ी में रहने और काम करने की   अपनी आदतें बदल डालें ।
○ भ्रम न पालें , सावधानी बरतें क्योंकि अब आप पहले की तरह फ़ुर्तीले नहीं हैं ? छोटी सी चूक भी कभी बड़े नुक़सान का कारण बन सकती है?
□ सुबह नींद खुलते ही तुरंत बिस्तर छोड़ खड़े न हों , क्योंकि आँखे खुल जाती हैं लेकिन शरीर एंव नसों का रक्त प्रवाह पूर्ण चैतन्य अवस्था मे नहीं हो पाता?
अतः पहले बिस्तर पर कुछ मिनट बैठे रहें और पूरी तरह चैतन्य हो लें। कोशिश करें कि बैठे बैठे ही स्लीपर ,चप्पलें पैर में डालें और खड़े होने के लिये कोई सहारा लें ।अक्सर यही समय होता है डगमगा कर गिर जाने का?

□ □ गिरने की सबसे अधिक घटनाएँ बॉथरूम / वॉशरूम या टॉयलेट में ही होतीं हैं ? □□

□ आप चाहे अकेले हों , पति/पत्नी के साथ हों या संयुक्त परिवार में हों, बॉथरूम में अकेले ही होते हैं?

 

● यदि आप घर में अकेले रहते हैं , तो अतिरिक्त सावधानी बरतें क्योंकि गिरने पर यदि उठ न सके तो दरवाज़ा तोड़कर ही आप तक सहायता पहुँच सकेगी ? वह भी तब जब आप पड़ोसी तक समय से सूचना पहुँचाने में सफल हो सकेंगे? याद रखें बाथरूम में भी मोबाइल साथ हो ताकि समय पर काम आ सके।
■ देशी शौचालय के बदले हमेशा यूरोपियन कमोड वाले शौचालय ही इस्तेमाल करें? यदि न हो , तो समय रहते बदलवा लें क्योंकि आवश्यकता पड़नी ही है , चाहे कुछ समय बाद ही पड़े?
● संभव हो तो कमोड के पास एक हैंडिल लगवा लें!
कमज़ोरी की स्थिति में यह आवश्यक हो जाता है।
बाजार में प्लास्टिक के वैक्यूम हैंडिल भी मिलते हैं , जो टॉइल जैसी चिकनी सतह पर भी चिपक जाते हैं ,पर इन्हें इस्तेमाल करने से पहले खींचकर ज़रूर परख लें ।
● हमेशा आवश्यक ऊँचे स्टूल पर बैठकर ही नहायें ।
● बॉथरूम के फ़र्श पर रबर की मैट ज़रूर बिछा कर रखें ताकि आप फिसलन से बच सकें।
● गीले हाथों से टाइल्स लगी दीवार का सहारा न लें, हाथ फिसलते ही आप डिसबैलेंस होकर गिर सकते हैं ।
● बॉथरूम के ठीक बाहर सूती मैट भी रखें जो गीले तलवों से पानी सोख ले।
● कुछ समय उस पर खड़े रह कर फिर फ़र्श पर पैर रखें वह भी सावधानी से ।
● अंडरगारमेंट हों या कपड़े , अपने चेंजरूम या बेडरूम में ही आकर पहनें। अंडरवियर, पजामा या पैंट खडे़ खडे़ कभी नहीं पहनें?
● हमेशा दीवार का सहारा लेकर या बैठकर ही उनके पायचों मे पैर डालें, फिर खड़े होकर पहनें, वर्ना दुर्घटना घट सकती है? कभी कभी स्मार्टनेस की बहुत बड़ी क़ीमत चुकानी पड़ती है।
● अपनी दैनिक ज़रूरत की चीज़ों को नियत जगह पर ही रखने की आदत डाल लें, जिससे उन्हें आसानी से उठाया या तलाशा जा सके ।
● भूलने की ज़्यादा आदत हो, तो आवश्यक चीज़ों की लिस्ट मेज़ या दीवार पर लगा लें एवम घर से निकलते समय एक निगाह उस पर डाल लें, आसानी रहेगी ।
● जो दवाएँ रोज़ लेनी हैं उनको प्लास्टिक के प्लैनर में रखें जिससे जुड़ी हुई डिब्बियों में हफ़्ते भर की दवाएँ दिनवार रखी जाती हैं ।अकसर भ्रम होता है कि दवाएँ ले ली हैं या भूल गये।प्लॉनर में से दवा खाने मे चूक नहीं होगी ।
■ सीढ़ियों से चढ़ते उतरते समय सक्षम होने पर भी  हमेशा रेलिंग का सहारा लें , ख़ासकर ऑटोमैटिक सीढ़ियों पर । ध्यान रहे आपका शरीर आपके मन का अब ओबीडियेंट सर्वेंट नहीं रहा ।
□ बढ़ती आयु में कोई भी ऐसा कार्य जो आप सदैव करते रहे हैं , उसको बन्द नहीं करना चाहिये । कम से कम अपने से सम्बन्धित अपने कार्य स्वयं ही करें । □
■ नित्य प्रातःकाल घर से बाहर निकलने, पार्क में जाने की आदत न छोड़ें , छोटी मोटी कसरत भी करते रहें। नहीं तो आप योग व व्यायाम से दूर होते जाएंगे और शरीर के अंगों की सक्रियता ओर लचीला पन कम होती जायेगा । हर मौसम में कुछ योग-प्राणायाम अवश्य करते रहें ।
● घर में या बाहर हुक्म चलाने की आदत छोड़ दें । अपना पानी , भोजन , दवाई इत्यादि स्वयं लें जिससे सक्रियता बनी रहे । बहुत आवश्यक होने पर ही दूसरों की सहायता लेनी चाहिए ।
■ घर में छोटे बच्चे हों तो उनके साथ अधिक समय बितायें  लेकिन उनको अधिक टोका-टोकी न करें ।
उनको प्यार से सिखायें । ध्यान रखें कि आपको सबसे एडजस्ट करना है न कि सबको आपसे?
इस एडजस्ट होने के लिये चाहे बड़ा परिवार हो , छोटा परिवार हो या कि पत्नी/पति हों , मित्र हो , पड़ोसी या समाज एक मूल मंत्र सदैव उपयोग करें।   
■ स्वाद पर नियंत्रण रखें ।  
■ कम से कम एवं आवश्यकता होने पर ही बोलें।  
■ अपनी दखलंदाजी कम कर दें।                
● इन मूल मंत्र को जीवन में उतारते ही वृद्धावस्था प्रभु का वरदान बन जायेगी जिसका बहुत कम लोग उपभोग कर पाते हैं ।


--
You received this message because you are subscribed to the Google Groups "Keep_Mailing" group.
To unsubscribe from this group and stop receiving emails from it, send an email to keep_mailing+unsubscribe@googlegroups.com.
To post to this group, send email to keep_mailing@googlegroups.com.
Visit this group at https://groups.google.com/group/keep_mailing.
To view this discussion on the web visit https://groups.google.com/d/msgid/keep_mailing/CAH3M5OvecD1Uxv1yb7xqy6rnDZxmOVj8SygPq7Sp8Nk6S8J7cg%40mail.gmail.com.
For more options, visit https://groups.google.com/d/optout.

No comments:

Post a Comment