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अमेरिका मेँ गये हुए स्वामी विवेकानंद जी से एक
अंग्रेज ने पूछा -सबसे अच्छा दूध किस जानवर का होता है ?
स्वामी विवेकानंद जी :- भैँस का ।
अंग्रेज :- परंतु आप भारतीय तो गाय को सर्वश्रेष्ठ मानते है ?
स्वामी जी :- आपने जानवर के बारे मेँ पूछा था गाय को
तो हम अपनी माता मानते हैँ .... और उसके दूध को
अमृत कहते है ।। जय गौ माता ।। ---------------------------
चीज़ों में कुछ चीज़ें बातों में कुछ बातें वो होंगी जिन्हे
कभी ना देख पाओगे इक्की सवीं सदी में ढूँढते रह जाओगे
बच्चों में बचपन -जवानी में यौवन
शीशों में दर्पण - जीवन में सावन
गाँव में अखाड़ा -शहर में सिंघाड़ा
टेबल की जगह पहाड़ा और पायजामे में नाड़ा
ढूँढते रह जाओगे
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चूड़ी भरी कलाई -शादी में शहनाई
आँखों में पानी - दादी की कहानी
प्यार के दो पल -नल नल में जल
तराजू में बट्टा - और लड़कियों का दुपट्टा
ढूँढते रह जाओगे
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गाता हुआ गाँव - बरगद की छाँव
किसान का हल - मेहनत का फल
चहकता हुआ पनघट - लम्बा लम्बा घूँघट
लज्जा से थरथराते होंठ - और पहलवान का लंगोट
ढूँढते रह जाओगे
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आपस में प्यार -भरा पूरा परिवार
नेता ईमानदार - दो रुपये उधार
सड़क किनारे प्याऊ - संबेधन में चाचा ताऊ
परोपकारी बंदे - और अरथी को कंधे
ढूँढते रह जाओगे
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एक बेटा अपने वृद्ध पिता को रात्रि भोज के लिए
एक अच्छे रेस्टॉरेंट में लेकर गया।
खाने के दौरान वृद्ध और कमजोर पिता ने कई बार
भोजन अपने कपड़ों पर गिराया।
रेस्टॉरेंट में बैठे दुसरे खाना खा रहे लोग वृद्ध को घृणा
की नजरों से देख रहे थे लेकिन वृद्ध का बेटा शांत था।
खाने के बाद बिना किसी शर्म के बेटा, वृद्ध को वॉश रूम ले गया।
उसके कपड़े साफ़ किये, उसका चेहरा साफ़ किया,
उसके बालों में कंघी की, उसे चश्मा पहनाया और फिर
बाहर लाया। सभी लोग खामोशी से उन्हें ही देख रहे थे।
बेटे ने बिल पे किया और वृद्ध के साथ बाहर जाने लगा।
तभी डिनर कर रहे एक अन्य वृद्ध ने बेटे को
आवाज दी और उससे पूछा---
" क्या तुम्हे नहीं लगता कि यहाँ अपने पीछे तुम
कुछ छोड़ कर जा रहे हो ?? "
बेटे ने जवाब दिया---"
नहीं सर, मैं कुछ भी छोड़ कर नहीं जा रहा। "
वृद्ध ने कहा---" बेटे, तुम यहाँ छोड़ कर जा रहे हो,
प्रत्येक पुत्र के लिए एक शिक्षा (सबक)
और प्रत्येक पिता के लिए उम्मीद (आशा)। "
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